नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।
शबरी सँवारे रास्ता आएंगे राम जी - राम भजन
भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ
अर्थ- अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
बुधवार – आप दीर्घायु तथा सदैव निरोगी रहते हैं.
वैसे तो आप शिव चालीसा को किसी भी दिन बोल सकते हैं, लेकिन रविवार, सोमवार तथा बुधवार को भगवान शंकर जी की चालीसा करने का बड़ा महत्व बताया गया.
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल more info नागफनी के॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥